अपनी भाषा को आकर्षक ढंग से प्रस्तुत करने के लिए अलंकार का प्रयोग होता है। यह दो शब्दों के मेल से बना है अलम + कार, जिसका शाब्दिक अर्थ है आभूषण।
जिस प्रकार स्त्रियाँ श्रृंगार के लिए आभूषणों का प्रयोग करते है उसी प्रकार शब्दों को और भाषण को भावुकतापूर्ण और सुन्दर बनाने के लिए अलंकार का प्रयोग होता है।
जो वाक्य में शब्दों के रूप में प्रयुक्त होकर वाक्य की शोभा बढ़ाये उन्हें शब्दालंकार कहा जाता है
शब्दालंकार
अलंकार के प्रकार
अलंकार के प्रकार
अर्थालंकार
जब वाक्य में शब्दों के बजाय उसके अर्थो से शोभा बड़े तो उसे अर्थालंकार कहा जाता है।
अलंकार के प्रकार
उभयालंकार
जिस वाक्य में शब्द और अर्थ दोनों के माध्यम से शोभा बड़े उसे उभयालंकार कहा जाता है।
अलंकार के प्रकार
पाश्चात्य अलंकार
यह आधुनिक काल में पश्चात साहित्य के कारण उत्पन्न हुआ है जिस वजह से हिंदी पर पश्चिमी प्रभाव देखने को मिला। इस अलंकार के करना वाक्य में प्रयुक्त वस्तु का ध्वनि-चित्र अंकित हो जाता है।