सट्टा मटका जुआ

सबसे पहले मुंबई के परेल में सबसे ज्यादा तगात में सट्टा मटका के ठिकाने खोले गए

परेल में ज्यादा मटका खुलने से वह के सभी मजदूर वर्ग के लोग बहुत बर्बाद हो गए

मुंबई पुलिस की भरी कार्रवाई करने के चलते सट्टा चलाने वाले लोगो को अपनी दूकान को परेल से दूर ले जाने को मजबूर किया और बाम्बी को बचा लिया गया

1995 में शहर और आस-पास के कस्बों में 2000 से अधिक बड़े और मध्यम समय के सट्टेबाज थे

बाद मई पुलिस की जोर दार कार्रवाई के चलते सत्तो के संख्या बहुत कम हो गयी (लगभग 200 या इससे भी कम)

वर्तमान समय में इन सभी सट्टा का कारोबार लगभग  400करोड होगा ज्यादा तर बदमास इसको चलाते है

भारत में किसी भी तरह का जुआ गैरकानूनी होता है लेकिन इसके बावजूद सट्टा मटका भारत में बड़े पैमाने पर खेला जाता है

ट्टा मटका में रिस्क ज्यादा होता है लेकिन उससे ज्यादा फायदा होता है

ये ज्यादा फायदा देता है इसलिए लोग इसकी तरफ बोहोत आकर्षित होते है