
hockey essay in hindi
विश्व के सबसे लोकप्रिय और पुराने खेलों में से एक हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है. हॉकी खेल दो टीमों के बीच में खेला जाता है जिसमें प्रत्येक टीम में 11-11 खिलाड़ी होते है.
हॉकी के क्षेत्र में भारत का पूरे विश्व में कई वर्षों तक बोलबाला रहा यहीं कारण है कि इस खेल को हमारे राष्ट्रीय खेल का दर्जा मिला.
अन्य खेलों की तुलना में हॉकी बहुत पुराने समय से लोगों के बीच लोकप्रिय रहा हैं और वर्तमान में भी हमारे आसपास के मैदानों में बच्चे हॉकी खेलते हुए दिखाई देते है.
हॉकी पर निबंध (Hockey Essay in Hindi)

hockey essay in hindi
यह खेल केवल पुरुषों में ही नहीं बल्कि महिलाओं में भी बहुत लोकप्रिय रहा है भारतीय महिला हॉकी टीम लगातार एशिया की शीर्ष टीम रही है और कई स्वर्ण पदक भारत की झोली में डाल कर देश को गौरवान्वित किया.
इस लेख में हमारे देश के राष्ट्रीय खेल हॉकी पर निबंध लिखा गया है जिस विषय पर अक्सर परीक्षा में निबंध लिखने को कहा जाता है साथ ही यह लेख आपको हॉकी के बारे में गहराई से जानने में मदद करेगा.
हॉकी का इतिहास
hockey essay in hindi
हॉकी से संबंधित इतिहास के बारे में अलग-अलग तर्क मौजूद है इसका इतिहास 2000 ईसा पूर्व से भी पुराना है. उस समय हॉकी जैसा ही एक खेल फारस में खेला जाता था.
धीरे-धीरे यह खेल यूनान में लोकप्रिय हुआ और इस खेल को वहाँ होने वाली ओलम्पिक प्रतियोगिताओं में भी खेला जाने लगा जिसके परिणामस्वरूप यह खेल पूरी दुनिया में लोकप्रिय हुआ.
वर्तमान में जो हॉकी का खेल खेला जाता है उसकी उत्पत्ति का पूरा श्रेय इंग्लैंड को जाता है और भारत में भी अंग्रेजी सैनिकों के द्वारा ही इस खेल को खेलने की शुरुआत हुई थी.
1849 में लंदन में हॉकी के सबसे पहले और पुराने क्लब ब्लैकहीथ की स्थापना हुई. इसके बाद 1871 में लंदन में ही दूसरे क्लब टेड्डिंगटन हॉकी क्लब की स्थापना हुई.
Read more about hockey essay in hindi with other sources
हॉकी की विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन कराने के लिए 1876 में इंग्लिश हॉकी एसोसिएशन की स्थापना हुई.
1883 में विम्बलडन हॉकी क्लब के द्वारा हॉकी को न्यायपूर्ण और शांतिपूर्ण तरीके से खेलने के लिए खेल के नियम बनाये गए जिनमें समय समय पर संशोधन भी हुए.
26 जनवरी 1895 को वेल्स और आयरलैंड के मध्य पहला अन्तर्राष्ट्रीय मैच इंग्लैंड में खेला गया. वर्ष 1908 में पहली बार पुरुष हॉकी को लंदन ओलम्पिक में शामिल किया गया.
1924 में फ्रांस के पेरिस में अन्तर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ की स्थापना हुई जो हॉकी की सभी प्रतियोगिताओं का आयोजन कराती है.
इसके एक साल बाद 1925 में इंडियन हॉकी फेडरेशन की स्थापना हुई जिसको 2008 में बंद कर दिया गया और 20 मई 2009 को हॉकी इंडिया नाम की नई संस्था की स्थापना की गयी जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है. यह संस्था भारत में पुरुषों और महिलाओं के सभी मैचों का आयोजन कराती है.
हॉकी खेल कैसे खेला जाता है?
hockey essay in hindi
हॉकी एक खुले मैदान में खेले जाने वाला खेल है जिसमें दो टीमें एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करती है. फील्ड हॉकी, आइस हॉकी, बेंडी हॉकी और स्ट्रीट हॉकी इसी खेल के अलग-अलग प्रकार है.
जिनमें से आइस हॉकी और फील्ड हॉकी दोनों दुनिया में बहुत ही लोकप्रिय है. खिलाड़ियों को इस खेल में हॉकी की गेंद को लकड़ी से बनी हॉकी स्टिक से मारते हुए विरोधी टीम के गॉल पोस्ट में ज्यादा से ज्यादा गॉल दागने होते है.
हॉकी की दोनों टीमों में ग्यारह खिलाड़ी खेलते है प्रत्येक खिलाड़ी के हाथ में एक हॉकी स्टिक होती है जिसकी मदद से वो गेंद को मारता है.
फुटबॉल और हैंडबॉल की तरह हॉकी में भी गेंद को गॉल पोस्ट में जाने से बचाने के लिए गॉल कीपर होता है जिसके शरीर की सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये जाते है.
15-15 मिनटों के चार भागों में यह खेल खेला जाता है जिसमें शुरुआती और तीसरे भाग के बाद 2 मिनट का ब्रेक होता है और दूसरे भाग के बाद 5 मिनट का ब्रेक मिलता है.
खेल की शुरुआत में सिक्का उछाल कर टॉस किया जाता है और टॉस जीतने वाली टीम मैदान या खेल की शुरुआत करने का चुनाव करती है.
टीम के खिलाड़ी आपस में तालमेल बैठाते हुए गेंद को विरोधी टीम के गॉल पोस्ट के पास ले जाकर गॉल करने की कोशिश करते है. ज्यादा से ज्यादा गॉल करने वाली टीम को अंत में विजेता घोषित किया जाता है.
हॉकी का मैदान और उपकरण
hockey essay in hindi
हॉकी का खेल खेलने के लिए मैदान की आवश्यकता होती है फील्ड हॉकी के लिए यह मैदान समतल घास का होता है.
मैदान की लम्बाई लगभग 91.4 मीटर होती है और चौड़ाई लगभग 55 मीटर होती है. मैदान चौड़ाई के समान्तर चार भागों में बंटा होता है और बीचो बीच एक सेन्टर लाइन होती है.
गॉल पोस्ट के आगे एक शूटिंग सर्कल बना होता है जिसकी त्रिज्या 14.63 मीटर होती है.
हॉकी खेलने में खिलाड़ी का सबसे बड़ा हथियार हॉकी स्टिक होती है जिसको खिलाड़ी अपने कद के अनुसार चुन सकते है.
इसके अलावा खिलाड़ी के शरीर की सुरक्षा के लिए जूते, मॉउथ गॉर्ड, शिन गॉर्ड, गेंद, हेलमेट, थ्रोट प्रोटेक्टर, किकर, लेग गॉर्ड, चेस्ट पेड जैसे उपकरणों की आवश्यकता होती है.
हॉकी खेलने के नियम
जैसे प्रत्येक खेल को न्यायपूर्ण और शांतिपूर्ण तरीके से खेलने के लिए खेल के नियम बनाए गए है वैसे ही हॉकी खेल के भी कुछ नियम बनाये गए है जिनका पालन करना बहुत जरुरी होता है.
- खिलाड़ी गेंद को केवल हॉकी स्टिक की समतल सतह से ही मार सकते है और गोलकीपर के आलावा कोई भी खिलाड़ी गेंद को आगे धकेलने या रोकने के लिए अपने शरीर का इस्तेमाल नहीं कर सकता.
- खिलाड़ी अपने विरोधी को रोकने के लिए अपने शरीर या हॉकी स्टिक का इस्तेमाल नहीं कर सकता अगर कोई खिलाड़ी ऐसा करता है तो फ़ाउल माना जाता है.
- हॉकी की गेंद को खेलते समय कंधे से ऊपर नहीं उठा सकते ऐसा करने पर फ़ाउल दिया जाता है.
- गॉल तभी माना जाता है जब उसको खिलाड़ी स्ट्राइकिंग सर्कल के अंदर से मरता है अगर बाहर से मारने पर भी गेंद अंदर चली जाती है तब भी उसे गॉल नहीं माना जायेगा
- गोलकीपर को अपनी सुरक्षा के सभी उपकरणों को पहनना अनिवार्य होता है अन्यथा रेफरी उसे खेल से बाहर कर सकता है.
- खेल की समय सीमा समाप्त होने पर अगर दोनों टीमों का स्कोर बराबर होता है तो पेनाल्टी शॉट से खेल का नतीजा निकाला जाता है.
उपसंहार
hockey essay in hindi
हॉकी के खेल ने भारत को विश्व भर में एक अलग पहचान दिलाई है जिसमे महत्वपूर्ण योगदान हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का रहा है.
मेजर ध्यानचंद केवल भारत के ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के सर्वश्रेष्ठ हॉकी खिलाड़ी रह चुके है जिन्होंने कई प्रतियोगिताओं में भारत को स्वर्ण पदक जीताने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
हॉकी खेलने वाला हर खिलाड़ी ध्यानचंद को अपना प्रेरणा श्रोत मानता है.
गाँवों में हॉकी को अभी भी बच्चे और युवा कम खेलना पसंद करते है क्योकि उनके पास हॉकी खेलने के लिए उपकरण मौजूद नहीं होते.
सरकार को गाँवों में भी हॉकी की लोकप्रियता और उत्सुकता को बढ़ाने के लिए बच्चो को इस खेल के उपकरणों को मुहैया कराने की आवश्यकता है.
अगर आप विडियो के मध्यम से जानना चाहते है तो निचे दी गई विडियो को प्ले कर!
इन्हें भी जरुर पढ़े
- शिक्षा में खेलों का महत्व पर निबंध
- बैडमिंटन खेल पर निबंध
- कैरम बोर्ड पर निबंध
- फुटबॉल पर निबंध
- कबड्डी पर निबंध
- शतरंज पर निबंध
- मेरा प्रिय खेल क्रिकेट पर निबंध
- इन्टरनेट पर निबंध
- ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध
- बाल दिवस पर भाषण
[…] Read More […]