"
"
Global Warming Essay in Hindi

पूरे विश्व में औद्योगीकरण में तेज़ी से वृद्धि और मानव के द्वारा प्राकृति से छेड़छाड़ करना वातावरण में कई घातक समस्याओं को उत्पन्न कर रहा है.

ग्लोबल वार्मिंग उन्ही घातक समस्याओं में से है जो तेज़ी से बढ़ रही है. जंगलों की कटाई, उद्योगों के द्वारा कार्बन ऑक्साइड और ग्रीन हाउस गैसों का भारी मात्रा में उत्सर्जित होने से हमारे आस पास के वातावरण का तापमान तेज़ी से बढ़ रहा है.

ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध (Global Warming Essay in Hindi)

Global Warming Essay in Hindi

और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या उत्पन्न हो रही है. अगर इस गंभीर समस्या के रोकथाम के लिए उचित उपाय नहीं किये गए तो आने वाले समय में यह बहुत बड़ा खतरा पैदा हो सकती है. 

इस लेख में ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध (global warming essay in Hindi) लिखा गया है जो आपसे अक्सर परीक्षा में पूछे जाने वाले विषय पर निबंध लिखने के लिए उपयोगी है और साथ ही ग्लोबल वार्मिंग जैसी गंभीर समस्या के बारे में और उसको कम करने के उपायों के बारे में जानने में मदद करेगा. 

ग्लोबल वार्मिंग क्या है ? 

पिछले कुछ वर्षों में मानव ने अपनी सुविधा के लिए वातावरण में तेज़ी से कई बदलाव किया जैसे बड़ी-बड़ी मंज़िलो का निर्माण, उद्योगों का निर्माण, गाड़िया और तकनिकी क्षेत्र में कई बड़े अविष्कार किये. इन सभी के निर्माण में बहुत ज्यादा मात्रा में ऊर्जा का उपयोग होता है.

और इस ऊर्जा को पेट्रोल, लकड़ी, कोयले और प्राकृतिक गैसों का उपयोग होता है. इन्हे जलाने से धुआं उत्पन्न होता है जिसमे कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अधिक होती है.

कार्बन डाइऑक्साइड का अत्यधिक मात्रा में उत्सर्जित होने और वायुमंडल में जमा होने से ग्रीन हाउस इफ़ेक्ट में बढ़ोतरी हुई और इसकी वजह से हमारी पृथ्वी का तापमान बढ़ने लगातार बढ़ रहा है.

ग्रीनहाउस इफ़ेक्ट के कारण तापमान में बढ़ोतरी होने की इस प्रक्रिया को ही ग्लोबल वार्मिंग कहा जाता है.

ग्लोबल वार्मिंग के मुख्य कारण 

ग्लोबल वार्मिंग का स्तर लगातार बढ़ने के कई कारण हो सकते है कुछ मुख्य कारण है जिनकी वजह से यह समस्या लगातार बढ़ रही है –

  1. जीवाश्म ईंधन जलाना – बिजली उत्पन्न करने या वाहनों को चलाने के लिए उसमें जीवाश्म ईंधन का उपयोग किया जाता है. जीवाश्म ईंधन जलने से भारी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है और ग्रीन हाउस गैस में बढ़ोतरी होती है.

पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा चीन,अमेरिका और भारत में जीवाश्म ईंधन का उपयोग किया जाता है जो पूरी दुनिया में जलाई जाने वाली जीवाश्म ईंधन का 50 प्रतिशत से भी अधिक है.

  1. जंगलों और पेड़ो की कटाई – हम श्वसन क्रिया करते समय ऑक्सीजन को अंदर लेते है और कार्बन डाइऑक्साइड को छोड़ते है, पेड़ इसके बिलकुल विपरीत श्वसन क्रिया करते है वो कार्बन डाइऑक्साइड को अंदर लेते है और ऑक्सीजन को बाहर छोड़ते है इस प्रकार जीव जंतु और पेड़ो की क्रियाओ के बीच प्राकर्तिक संतुलन बना होता है. 

बड़े-बड़े उद्योगों को स्थापित करने के लिए एक साथ हजारो की संख्या में पेड़ो और जंगलो की कटाई की जाती है. जिसकी वजह से संतुलन बिगड़ता है और वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा तेज़ी से बढ़ने लगती है और ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ता है.

जंगलों की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1990 के बाद लगभग 420 मिलियन हैक्टर से अधिक जंगलों की कटाई हो चुकी है जो अपने आप में एक बड़ा आंकड़ा है.

  1. रासायनिक उर्वरकों का उपयोग –  खेती में फसल की उपज को बढ़ने के लिए किसान रासायनिक उर्वरको का इस्तेमाल करते है. इन उर्वरकों में प्रचुर मात्रा में नाइट्रोजन पाई जाती है और नाइट्रोजन ऑक्साइड कार्बन डाइऑक्साइड से कई अधिक मात्रा में गर्मी को जकड़ लेता है जिससे आसपास के तापमान में वृद्धि होती है.

ग्लोबल वार्मिंग के हानिकारक परिणाम

ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु और मौसम में तेज़ी से बदलाव हो रहे है. आजकल कभी-कभी सर्दी और गर्मी के मौसम में भी बारिश हो जाती है और बारिश के मौसम में बहुत कम बारिश होती है. इस प्रकार मौसम में अचानक बदलाव होना आने वाले समय में कई समस्याएं उत्पन्न कर सकता है.

ग्लेशियर से लगातार तेजी से बर्फ पिघल रही है जिसके परिणामस्वरूप महासागरीय जल का स्तर भी तेज़ी से बढ़ रहा है. इसके कारण बाढ़ आने की संभावना भी बढ़ती जा रही है जो पूरी मानव जाती और जीव जन्तु के लिए घातक साबित हो सकता है.

ग्लोबल वार्मिंग के कारण महासागरीय जल कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर रहे है जिसके परिणामस्वरुप महासागरीय जल की अम्लीयता  बढ़ सकती है. ऐसा होने से पूरा संतुलन बिगड़ सकता है.

ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के उपाय 

ग्लोबल वार्मिंग के इस बढ़ते हुए खतरे को ख़त्म करना तो नामुमकिन हो सकता है लेकिन हम अपना महत्वपूर्ण योगदान देकर इस इसको कम कर सकते है या फिर इसके बढ़ते हुए स्तर को नियंत्रण कर सकते है.

वाहनों और उद्योगों से उत्पन्न होने वाले धुएं को कम करने के लिए हम बिजली के द्वारा या प्राकृतिक गैस के द्वारा संचालित वाहनों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर सकते है.

तेज़ी से हो रही जंगलो की कटाई के लिए सरकारी संस्थाओ के द्वारा इसके खिलाफ सख्त कानून बनाने की भी आवश्यकता है तथा वृक्षारोपण के लिए लोगो को प्रेरित किया जाए.

उपसंहार

ग्लोबल वार्मिंग का तेज़ी से बढ़ना वैश्विक स्तर पर एक बड़ा खतरा पैदा कर सकता है. ज्यादातर लोगों को ग्लोबल वार्मिंग और उससे भविष्य में होने वाले खतरे के बारे में जानकारी नहीं है.

हमें अपने आस पास के लोगों को ग्लोबल वार्मिंग से अवगत करवाना है और इसको कम करने लिए उचित उपायों से लोगों को रूबरू कराना होगा.

हमे खुद भी इसके बारे में गंभीरता से विचार करना होगा ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए इस खतरे को कम किया जा सके.  

इन्हें भी पढ़े

"
"

By admin

A professional blogger, Since 2016, I have worked on 100+ different blogs. Now, I am a CEO at Speech Hindi...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *