
दोस्तों आज में बहुत ही महत्वपूर्ण विषय प्रदूषण पर निबंध लेकर आया हू अगर हम पुराने समय की बात करे तो बहुत कम लोग बीमार होते थे. न ही अंग्रेजी दवाई होती थी. पहले के समय में सिर्फ जड़ी बूटियों से ही ठीक हो जाते थे.
अगर आज की बात करे तो बिलकुल उल्टा हो चूका है. यहाँ पर छोटे बच्चो से लेकर बड़ो सहित सभी बीमार होते है.
इसका एक ही कारण है प्रदूषण जी जैसे जैसे दुनियाँ आगे बढ़ रही है नई – नई खोज कर रही है. इस का सीदा – सीदा असर हमारे वातावरण पर पड़ता है.
अगर अब भी इस पर रोक नहीं लगाई गई तो हमे बहुत ज्यादा नुकशान का सामना करना पर सकता है.
आज के लेख में हम प्रदूषण पर निबंध लिखने वाले है.
तो फिर चलिये शरु करते है.
पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध इन हिंदी (essay on pollution in Hindi)

यह किसी एक व्यक्ति के द्वारा कण्ट्रोल नहीं किया जा सकता है. इस को सुधारने के लिए हम सब को यानि की दुनियाँ भर को एक जुट होकर काम करना पड़ेगा.
तब ही जाकर पर्यावरण प्रदूषण पर काबू किया जा सकता है.
प्रदूषण के प्रकार
प्रदूषण 4 प्रकार के होते है चलिये एक – एक को डिटेल से जानते है.
- वायु प्रदूषण
- जल प्रदूषण
- भूमि प्रदुषण
- ध्वनि प्रदूषण
वायु प्रदूषण (Air Pollution in Hindi)

जहाँ पर हमे दिन प्रतिदिन अनेको सविधा होती जा रही है दूसरी तरफ इन products को बनाने में बहुत सी फैक्ट्री, कारखाने दिन रात चलते है.
जिस से जहरीली गैस उत्पन होती है जोकि ऑक्सीजन की मात्रा को दिन प्रतिदिन कम करती जा रही है. जिस के परिणाम स्वरूप नई – नई बीमारिया जन्म ले रही है.
वायु प्रदूषण के कारण
- निरंतर प्रयोग किये जाने वाले वहान जिन से धुआँ निकलता है और हमारे पर्यावरण को प्रदूषित करता है.
- बढती जनसंख्या जैसे – जैसे जनसंख्या बढ़ रही है वैसे – वैसे संसाधनों की भी ज्यादा जरूरत होती है. ये भी एक मुख्य कारण है वायु के प्रदूषित होने का.
- कारखानों से निकलने वाली प्रदूषित गैस. ये गैस इतनी ज्यादा खतरनाख होती है जिस से साँस की बीमारी व् फेफड़ो में केंसर होना का भी खतरा रहता है.
- निरंतर पेड़ो की कटाई मानव अपनी जरुरतो को पूरा करने के लिए निरंतर पेडो को काट रहा है जिस से ऑक्सीजन की कमी हो रही है और हम बीमारियों के सीकर होते जा रहे है.
वायु प्रदूषण रोकने के उपाय
इसको रोकने के लिए हम सब को अपने कामो में भारी बदलाव करने की जरूरत है जैसे की
- हमे प्रदूषण रहती संसाधनों का प्रयोग करना चाइये.
- ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाइये.
- कारखाने रहने वाले स्थानों से दूर बनाये जाने चाइये.
- सरकार को बढती जनसंख्या को रोकने पर विचार करना चाइये.
जल प्रदूषण (Water Pollution in Hindi)

पानी के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. लेकिन आज के समय में मानव पानी को प्रदूषित किये जा रहा है. इसके कारण मानव को तो समस्या का सामना करना पड़ रहा है साथ में पशु पक्षियों को भी परेशानी हो रही है.
जल प्रदूषण के कारण
इसके होने के मुख्य दो कारण होते है पहला प्राकृतिक जल प्रदूषण दूसरा मानवी जल प्रदूषण.
- पशु पक्षी मरने के बाद पानी में ही मिल जाते है जिस से जल प्रदूषित होता है.
- कारखानों का गन्दा पानी और कचरे के तलाब व् नदियों में मिलने से जल प्रदूषित होता है.
- ज्यादा कीटनाशक दवाईयो के प्रयोग से भी जल प्रदूषित होता है.
- घरेलु कचरे को नदियों में फेंकने से भी जल प्रदूषित होता है.
जल प्रदूषण से होने वाले नुकसान
- जब प्रदूषित जल हम पीते है. तो हामरे अंदर खतरनाख रसायन पहुच जाते है जिस से हमे बहुत सी बीमारियों से जुजना पड़ता है.
- दूषित जल पीने से पीलिया, टाइफाइड बुखार जैसी खतरनाख बीमारिया हो सकती है.
- दूषित जल से उपजाऊ भूमि पर भी बुरा असर पड़ता है.
- दूषित जल से पशु पक्षी भी बुरी तरह प्रभावित होते है.
जल प्रदूषण को रोकने के उपाय
- कारखानों को मानक नियमों का पालन करना चाहिये.
- नदी व् तलाबो में पशुओ को नहीं नहलाना चाहिये.
- फसलो में कीटनाशक दवाई का कम से कम प्रयोग करना चाहिये.
- नदी व् तलाबो में हमे कपडे नहीं धोने चाहिये.
भूमि प्रदुषण (Soil Pollution in Hindi)

इसके कारण अनेक बीमारियां जन्म ले रही है ये मानव को तो नुकसान पहुंचाता ही है साथ में पशु पक्षी को भी समस्या होती है.
भूमि प्रदुषण के कारण
धरती पर एक चौथाई भूमि है लेकिन आज का मानव उसका दुरपयोग कर रहा है जिस से भूमि प्रदूषित हो रहा है.
- ज्यादा फसल उगाने के लिए ज्यादा खाद व् दवाइयों का प्रयोग किया जाता है जिस से फसल तो ज्यादा होती है लेकिन इस से भूमि की उपजाऊ शक्ति कम होती है. व् खाने में अनेको बीमारियों जन्म भी ले लेती है.
- पड़ो की कटाई निरंतर पडो का काटा जा रहा है और कारखाने बनाये जा रहे है जिस से धरती बंजर होती जा रही है और भूमि प्रदूषण तेजी से हो रहा है.
ध्वनि प्रदूषण (sound Pollution in Hindi)

ध्वनि भगवन द्वारा हमे एक उपहार दिया गया है. जिस की मदद से हम एक दुसरे से बात कर पाते है व् पशु पक्षी भी तरह – तरह के स्वर निकालते है जोकि मन को मोह लेते है.
लेकिन आज के भागदौड़ भरे जीवन में भरपूर ध्वनि प्रदूषण हो रहा है. जिस से मानव और जीव जन्तुओ पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
इसका मुख्य कारण कारखानों में मशीनो के दिन रात होने वाले शोर से होता है, ज्यादा अवाज में DJ बजाने से होता है, लाउड स्पीकर से होता है, साथ में वाहनों के तेज होरन से भी ध्वनि प्रदूषण फैलता है.
अगर हम इन के दुषपरिणामों की बात करें तो इस से बहरापन, मानसिक बीमारी और शारीरिक बीमारियों तक हो सकती है.
ये भी और प्रदूषण की तरह बहुत खतरनाक है.
हम सब को मिलकर प्रदूषण को रोकना होगा तब ही हम सुखी जीवन जी पाएंगे और अपने बच्चों को अच्छा भविष्य दे पाए गे.
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निष्कर्ष
हम उम्मीद करते है आपको जानकारी पसंद आई है. अगर आप इसी प्रकार से हिंदी में भाषण और निबंध पड़ना चाहते है तो स्पीच हिंदी ब्लॉग के साथ बने रहिये गा और दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे आज के लिए इतना ही धन्यवाद!
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