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परिवार के साथ पिकनिक पर निबंध
  • परिवार के साथ पिकनिक पर निबंध | Essay on Picnic with Family in Hindi

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है वो अपने सम्पूर्ण जीवन काल में किसी न किसी सामाजिक गतिविधि से जुड़ा रहता है. लोग अपने काम में इतने व्यस्त हो जाते है कि उनको अपने परिवार के साथ समय बिताने का मौका नहीं मिल पाता है जिसके कारण परिवार के सदस्यों के बीच दूरियां भी बढ़ जाती है. परिवार के सदस्यों के मध्य किसी भी प्रकार की दूरी मानसिक तनाव पैदा कर सकती है.  

अपने परिवार से जुड़े रहने और उनके साथ रिश्ते को और भी गहरा बनाये रखने के लिए उनके साथ समय बिताना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है. अक्सर अपने रोजमर्रा के जीवन में व्यस्त लोग अपने परिवार के साथ समय व्यतीत करने के लिए पिकनिक जाना पसंद करते है. इस लेख में परिवार के साथ पिकनिक पर निबंध लिखा गया है जो सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी है.

(परिवार के साथ पिकनिक पर निबंध | Essay on Picnic with Family in Hindi)

Essay on Picnic with Family in Hindi

परिवार के साथ पिकनिक पर निबंध (Picnic with Family Essay in Hindi)

पिकनिक नाम सुनते ही बच्चों के मन में उत्साह उत्पन्न हो जाता है स्कूल में बच्चों को अक्सर पिकनिक पर ले जाया जाता है. पिकनिक के लिए अक्सर ऐसी जगह पर जाते है जो प्राकृतिक सौन्दर्य का उदाहरण हो या फिर उस जगह का ऐतिहासिक महत्त्व हो ताकि हमें आनंद के साथ कुछ सिखने को भी मिल सके.

परिवार के साथ पिकनिक जाने का अलग ही आनंद होता है जो स्कूल के पिकनिक से बिलकुल अलग होता है. जब भी परिवार के साथ पिकनिक जाने की बात होती है तो इसके लिए सभी सदस्य मिलकर पहले से योजना बनाते है. कौनसी जगह पर पिकनिक के लिए जाना है उसके लिए सभी अपनी राय देते है और सबकी सहमति से पिकनिक जाने की जगह को सुनिश्चित करते है. 

परिवार के साथ पिकनिक के लिए बच्चे सबसे ज्यादा उत्साहित होते है वो अलग-अलग गतिविधियां करने की योजना बनाते है. पिकनिक के दौरान बच्चे अपने माता-पिता और दादा-दादी के साथ अंताक्षरी खेलना, नाचना जैसी गतिविधियां करते है जिसके कारण बुजुर्गों का भी मन आनंद से भर उठता है.

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परिवार के साथ पिकनिक का मेरा अनुभव 

  • परिवार के साथ पिकनिक पर निबंध | Essay on Picnic with Family in Hindi

पिछले साल सर्दी की छुट्टियों में मेरे पूरे परिवार ने पिकनिक पर जाने का फैसला किया क्योंकि इस समय ज्यादा सर्दी भी नहीं रहती और आस पास हरियाली भी रहती है जिससे सुहाना मौसम होता है. हमारे सामने सबसे पहला प्रशन था पिकनिक स्पॉट का चुनाव करना इसके लिए सब लोगों ने अपनी अपनी राय दी और अंत में सबकी सहमति से हमने घर से लगभग 2 घण्टे की दूरी पर स्थित एक पिकनिक स्पॉट का चुनाव किया.

हम सभी बच्चों की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था सभी भाई-बहनों ने देर रात तक बैठ कर उन सभी मजेदार गतिविधियों के बारे में चर्चा की जो हम पिकनिक के दौरान करने वाले है. उधर हमारे माता-पिता और चाचा-चाची ने मिलकर सारी पैकिंग की. क्योंकि पिकनिक के लिए हम सारे भाई बहन बहुत ही उत्साहित थे इसलिए हमने भी पैकिंग में उनकी मदद की.

माँ और चाची ने सुबह जल्दी उठकर खाने के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के व्यंजन तैयार किए. सबह लगभग 8 बजे हम गाड़ी से पिकनिक के लिए रवाना हो गए. सफर के दौरान भी हमने अंताक्षरी खेली और खूब आनंद लिया. लगभग दो से ढाई घण्टे के सफर के बाद हम पिकनिक स्पॉट पहुंचे जो एक तालाब के नजदीक है और वहां पर पहले से बहुत से लोग पिकनिक मनाने के लिए आये हुए थे जिसके कारण वहां पर चहलपहल थी.

(परिवार के साथ पिकनिक पर निबंध | Essay on Picnic with Family in Hindi)

हमने एक पेड़ के नीच चटाई बिछाई और सभी सामान वहां पर रख कर बैठ गए. सबसे पहले सभी ने मिलकर अंताक्षरी खेलना शुरू किया और सभी मजे लेने लगे जोर – जोर से ठहाके लगाने लगे. अंताक्षरी खेलने के बाद हम सबने क्रिकेट खेला. क्रिकेट खेलने के बाद सब पूरी तरह से थक चुके थे लेकिन हम बच्चों के अंदर अभी भी ऊर्जा और उत्साह मौजूद था. हम सभी बच्चे छुपन छुपाई खेलने लगे और इधर-उधर भागने लगे.

उधर मम्मी-पापा और चाचा-चाची बैठ कर बाते करने लगे. कुछ देर और खेलने के बाद अब हम भी थक चुके थे और भूख भी लगने लगी थे. हम सब बच्चे दौड़कर गए और खाने के लिए बोला फिर सब ने मिलकर मम्मी और चाची के द्वारा बनाये अलग-अलग पकवान खाए. खाना खाने के बाद हमने कुछ समय के लिए आराम किया.

हम बच्चों की ऊर्जा अभी ख़त्म नही हुई थी कुछ देर आराम करने के बाद हम फिर से खेलने चले गए और बहुत सारे खेल खेले. वहाँ पर पानी पूरी और चाट के ठेले थे हमने पानी पूरी और बहुत सारे फ़ास्ट फ़ूड का भी जायका लिया. अब श्याम हो चुकी थी और सब थक भी चुके थे इसलिए वापस घर जाने का फैसला किया. वो आनंद भरा दिन कब ख़त्म हो गया पता ही नहीं चला.

अब घर वापस जाने का समय हो चूका था हमने अपना सारा सामान समेटा और घर वापस आ गए. घर आने के बाद हम सब उस आनंद भरे पल और गतिविधियों को याद करने लगे. उस दिन हमने खूब बाते की. परिवार के साथ मेरा पिकनिक मुझे हमेशा याद रहेगा. मैं जब भी उसके बारे में विचार करता हूँ मेरा मन ख़ुशी से भर उठता है.

(परिवार के साथ पिकनिक पर निबंध | Essay on Picnic with Family in Hindi)

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  • निष्कर्ष

परिवार के साथ पिकनिक जाने से सभी सदस्यों के बीच अपनेपन की भावना बढ़ती है तथा रिश्ता और भी मजबूत होता है. मन का हर बोझ हल्का हो जाता है और शरीर के अंदर एक नयी ऊर्जा आ जाती है. इस भागदौड़ भरी जिन्दगी में थोड़ा सा समय निकालकर व्यक्ति को अपने परिवार के साथ पिकनिक पर अवश्य जाना चाहिए ताकि परिवार के साथ गुणवत्ता समय व्यतीत कर सके.   

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By admin

A professional blogger, Since 2016, I have worked on 100+ different blogs. Now, I am a CEO at Speech Hindi...

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