
खेलो का महत्व बहुत बड़ा है हमारे जीवन में. खेल दो प्रकार के होते है पहला आउटडोर खेल और दूसरा इनडोर खेल और शतरंज (chess) एक इनडोर खेल है.
जहाँ कुच्छ खेलो से हमारा शारीरिक विकास होता है तो कुछ खेलो से हमारे दिमाग का विकास होता है. और शतरंज भी एक एसा खेल है जोकि हमारे दिमाग का विकास करता है.
क्योंकि इस खेल को खेलने के लिए हमे भरपूर दिमाग का प्रयोग करना होता है. आज इस लेख में शतरंज पर निबंध (essay on chess in hindi) लिखने वाले है जिस को पढ़ कर आप शतरंज के बारे में पूरी जानकारी ले सकते है.
तो फिर चलिए शरु करते है.
मेरा प्रिय खेल शतरंज पर निबंध (essay on chess in Hindi)

अगर हम शतरंज के प्रारंभिक नाम की बात करे तो वो चतुरंग था बाद में इसे शतरंज (chess) के नाम से जाने जाना लगा. पुराने समय में सिर्फ राजा महाराजा लोग ही शतरंज का खेल खेलते थे. फिर बाद में शतरंज सब खेलने लगे. अगर हम शतरंज की सर्वात बात करे तो.
कहा जाता है रावन हमेसा युद्ध कलाओं को सिखने में व्यस्त रहते थे जिस के चलते वो अपनी पत्नी मन्दोदरी के साथ समय नहीं बिता पाते थे.
इसीलिए मंदोदरी के द्वारा इस खेल को बनाया गया और मंदोदरी अपने पति रावन के साथ ये खेलती और इस खेल की वजह से मन्दोदरी ने अपने पति को फिर से पा लिया था.
इस खेल को बड़े लोग और छोटे बच्चे खेलना बहुत पसंद करते है. इस खेल में हमे अपने पुरे दिमांग का प्रयोग करना होता है जिसके चलते हमारे दिमाग का भरपूर विकास होता है.
शतरंज चकोर तकत पर खेला जाता है. इस में टोटल 64 खाने बने होते है जोकि सफेद और काले रंग के बने होते है.
इस खेल में बहुत से मोहरें होते है जिन के जरिये ही इस खेल को खेला जाता है. अगर हम मोहरें के नाम की बात करे तो वो सिपाई, उट, घोड़े आदि होते है.
शतरंज के नियम (chess rules in Hindi)
जैसे की हर खेल को खेलने के लिए कुच्छ रूल होते है उसी तरह शतरंज को खेलने के लिए भी नियम है जिन का पालन करना पड़ता है इसे खेलने के लिए.
- राजा इस खेल में मुख्य होता है. और इसी को बचाने के लिए ये खेल होता है. राज सिर्फ एक ही कदम चल सकता है.
- रानी जिसे वजीर भी कहते है, खेल में बहुत ज्यादा ताकतवर होता है. ये किसी भी दिशा में चल सकता है और कितने भी वर्ग चल सकता है.
- हाथी इस खेल में अपनी इच्छा अनुसार कितने भी वर्ग चल सकता है, लेकिन ये सिर्फ खड़ा या आड़ा चल सकता है, ये तिरछा नहीं चल सकता है.
हाथी भी ताकतवर होता है, ये एक खिलाड़ी के पास 2 होते है. ये दोनों मिलकर काम करते है, और एक दुसरे की रक्षा करते है. - ऊँट भी हाथी की तरह अपनी इच्छा अनुसार कितने भी वर्ग चल सकता है, लेकिन सिर्फ तिरछा ही चलता है. दोनों ऊँठ मिलकर काम करते है, और अपनी कमजोरी छुपा लेते है.
- घोड़ा की चाल बाकियों से बहुत ही अलग होती है. ये किसी एक दिशा में ढाई घर चलता है. जैसे L आकार होता है, वैसा ही चाल चलता है. घोड़ा एक अकेला ऐसा पीस है जो किसी अन्य पीस के ऊपर से चाल चल सकता है.
- प्यादा एक सैनिक की तरह कार्य करते है. ये एक कदम आगे चलते है, लेकिन किसी अन्य गोटी को तिरछा होकर मारते है. प्यादा एक समय में एक ही वर्ग चलता है,
सिर्फ पहली चाल में ये 2 वर्ग चल सकता है. ये पीछे नहीं चल सकता है, न ही मार सकता है. अगर प्यादे के सामने कोई आ जाये तो ये पीछे नहीं हट सकता है, न ही सामने वाले को सीधे मार सकता है.
शतरंज का खेल सभी को फायदा देने वाला है क्योकि शतरंज से हमारे सोचने की शक्ति बढती है. अब तो शतरंज खेल की स्कूल और कॉलेज में प्रतियोगिता भी कराई जाती है. साथ में शतरंज खेल को भारत में ही नहीं दुनियाँ भर में खेला जाता है.
कहाँ जाता है इस खेल को पहले के समय में राजा लोग अपने युद्ध रणनीति को बनाने के लिए भी खेलते थे क्योकि ये पूरा गेम एक युद्ध की तरह ही होता है.
कहाँ जाता है रजा लोग अपने शत्रु को किसी बहाने अपने राज्य बुला लेते थे और उस के साथ शतरंज का खेल खेलते थे और उस के दिमाग की बातो को जान लेते थे जिस से उन्हें युद्ध में काफी सहायता मिलती थी.
इन्हें भी जरुर पढ़े : –
- मेरा प्रिय खेल क्रिकेट पर निबंध
- हिंदी दिवस भाषण
- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस भाषण
- मेरा प्रिय मित्र पर निबंध
- महाशिवरात्रि पर निबंध
- वसंत पंचमी पर निबंध
- होली पर निबंध
- भगत सिंह स्पीच इन हिंदी
- केले पर निबंध
- अमरूद पर निबंध
निकर्ष
आशा करता हूँ अब आपको शतरंज खेल के बारे में जानकारी मिल गई है. और आपको आज का शतरंज पर निबंध पसंद भी आया है. अगर आप इसी प्रकार से हिंदी निबंध और हिंदी स्पीच पढना चाहते है तो हमारे साथ बने रहिये गा आज के लिए इतना ही धन्यवाद!
[…] Read More […]