Badminton Rules and Regulations in hindi बैडमिंटन खेल के नियम, नुकसान, उत्पत्ति किसने की, निबंध, कोर्ट का साइज,महत्व जानकारी फायदा,
बैडमिंटन खेल विश्व भर में खेले जाने वाले कुछ लोकप्रिय खेलों में से एक है जिसको खेलने के लिए ज्यादा खिलाड़ियों और बड़े मैदान की आवश्यकता नहीं होती. About Badminton in hindi
कम से कम दो खिलाड़ी खेलकर इस खेल का आनन्द उठा सकते है. विश्व के कई देशो के साथ भारत में भी यह खेल बहुत लोकप्रिय है.आपने स्कूल के मैदान में अक्सर बच्चो या अध्यापको को बैडमिंटन का खेल खेलते हुए देखा होगा.
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बैडमिंटन खेल पर निबंध (Essay on Badminton in Hindi)

इस खेल को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओ का आयोजन होता है जिसके कारण इसकी लोकप्रियता गाँवो में और तेजी से रही है.
इस लेख में बैडमिंटन खेल पर निबंध लिखा गया है जिसमे आपको बैडमिंटन का इतिहास,बैडमिंटन खेल के उपकरण, बैडमिंटन कैसे खेलते है,बैडमिंटन के नियम आदि के बारे में जानकारी मिलेगी.
बैडमिंटन का इतिहास (History of Badminton in hindi)
बैडमिंटन खेल की उत्पत्ति से जुड़ी सटीक जानकारी तो कहीं पर भी मौजूद नहीं है.शटलकॉक के खेल सदियों पहले से खेले आ रहे है लेकिन वर्तमान में बैडमिंटन खेलने के तरीके की इतिहास से जुड़ी सबसे रोचक बात है कि इस खेल की उत्पत्ति ब्रिटिश- भारत काल से जुड़ी है.19वीं सदी में यह खेल अंग्रेजो के द्वारा शटल कॉक और बैटलडोर के नाम से खेला जाता था.
सन 1850 के आसपास यह खेल ब्रिटिश अधिकारियों के द्वारा खेला जाता था.पूना में यह खेल बहुत लोकप्रिय था इसलिए इसे पुनाई नाम से भी जाना जाता था.सन 1860 के आसपास जो ब्रिटिश अधिकारी सेवानिवृत होकर वापस गए वो अपने साथ इस खेल को लेकर गए.इंग्लैंड में इस खेल का तेजी से विकास हुआ और इस खेल के कुछ नियम भी बनाए गए.
इंग्लैंड के ग्लोसेस्टरशायर शहर में बैडमिंटन हाउस नाम का स्थान था जहाँ यह खेल अधिक खेला जाता था और 1873 में इस खेल का नाम बैडमिंटन रखा गया.फिर वर्ष 1887 में बैडमिंटन के औपचारिक नियम और कानून बनाए गए जिनमें बाद में कुछ संशोधन भी किए गए.
बैडमिंटन खेल की विभिन्न प्रतियोगिताओं का औपचारिक और शांतिपूर्ण तरीके से आयोजन करवाने के लिए इंग्लैंड में 1893 में इंग्लैंड बैडमिंटन एसोसिएशन की स्थापना हुई.1899 में इसके द्वारा विश्व की प्रथम बैडमिंटन प्रतियोगिता ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप का आयोजन करवाया गया.
बैडमिंटन की प्रतियोगिता का पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट इंग्लैंड और आयरलैंड के बीच साल 1904 में खेला गया. फिर कुछ सालों के बाद 1934 मे इंग्लैंड,कनाडा,फ्रांस,डेनमार्क,आयरलैंड,न्यूज़ीलैण्ड,स्कॉटलैंड,नीदरलैंड और वेल्स ने मिलकर विश्व बैडमिंटन संघ की स्थापना की.इसी वर्ष भारत में भी भारतीय बैडमिंटन संघ की स्थापना हुई जो घरेलू प्रतियोगिताओं का शांतिपूर्ण और न्यायपूर्ण तरीके से आयोजन करवाती है.
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बैडमिंटन खेल के उपकरण
बैडमिंटन खेलने के लिए ज्यादा उपकरणों की आवश्यकता नहीं होती केवल कुछ ऐसे उपकरण होते है जो इस खेल के लिए अनिवार्य होते है
रैकेट – बैडमिंटन खेलने के लिए रैकेट की जरुरत होती है जो बहुत हलके होते है.सामान्यतः बैडमिंटन रैकेट का वज़न 79 से 91 के बीच में होता है.वर्तमान में रैकेट का निर्माण करने के लिए कार्बन फाइबर का प्रयोग किया जाता है जिसके कारण रैकेट बहुत हलके होते है.रैकेट के शटलकॉक को मारने वाले हिस्से को तारो से कसकर जालीनुमा बनाया जाता है.
शटलकॉक – शटलकॉक शंकु आकार की होती है जिसे हम चिड़िया के नाम से जानते है, वो मुख्यतः कुछ विशेष पक्षियों के पंखो या सिंथेटिक सामग्रियों के उपयोग से बनाई जाती है.नीचे का हिस्सा चमड़े या सिंथेटिक वस्तु का बना होता है जिसके ऊपर पंखो को लगाया जाता है.
बैडमिंटन कोर्ट – बैडमिंटन का कोर्ट आयताकार होता है जिसको दो समान हिस्सों में विभाजित करके बीच में नेट लगाई जाती है.कोर्ट दो प्रकार के हो सकते है एकल और युगल.दोनों कोर्ट की लम्बाई एक समान होती है लेकिन युगल कोर्ट की चौड़ाई एकल कोर्ट से अधिक हो सकती है.
नेट – बैडमिंटन कोर्ट को दो बराबर हिस्सों में विभाजित करके बीच में नेट लगाई जाती है.नेट बीच में 5 फीट ऊंचा होता है और किनारे पर 5 फीट 1 इंच ऊँचा होता है.
बैडमिंटन कैसे खेलते है?
बैडमिंटन का खेल दो तरीको से खेला जा सकता है एकल और युगल प्रतियोगिता.एकल में दो खिलाड़ी एक दूसरे के विरुद्ध खेलते है वही युगल में दो-दो खिलड़ियों की दो टीमों के बीच मैच खेला जाता है.
खेल की शुरुआत एक तरफ से शटलकॉक को रैकेट से मारकर किया जाता है जिसे सर्विसिंग साइड भी कहा जाता है.उसके बाद दोनों खिलाड़ियों को शटलकॉक को अपने अपने हिस्से में गिरने से बचाते हुए विरोधी खिलाड़ी के हिस्से में गिराने का प्रयास करना होता है.अगर किसी खिलाड़ी के पाले में शटलकॉक गिरती है तो विरोधी खिलाड़ी के खाते में एक पॉइंट जोड़ दिया जाता है.
एक मैच कुल तीन भागों में खेला जाता है प्रत्येक भाग में 21 पॉइंट का एक खेल होता है.मैच को जीतने के लिए एक टीम के खिलाड़ी को मैच के दो भागो को जीतना अनिवार्य होता है.
बैडमिंटन खेल के नियम (Badminton Rules in hindi)
बैडमिंटन के खेल को न्यायपूर्ण तरीके से खेलने के लिए खेल के कुछ नियम बनाये गए है जिनका पालन करना अनिवार्य होता है.इन नियमों में समय समय पर संशोधन भी किए जाते है
- खेल की शुरुआत में सिक्का उछाल कर टॉस किया जाता है टॉस जीतने वाला खिलाड़ी सर्विस करने या फिर रिसीव करने का चुनाव करता है.
- सर्विस साइड से शटलकॉक का विरोधी खिलाड़ी के पाले में गिरना आवश्यक होता है,अगर खिलाडी शटल कॉक को विरोधी खिलाड़ी के पाले में गिराने में असफल रहता है तो एक पॉइंट विरोधी खिलाड़ी के खाते में जोड़ दिया जाता है और उसकी सर्विस करने की बारी ख़त्म हो जाती है.
- अगर मैच में दोनों खिलाड़ियों के पॉइंट 20-20 पर बराबर हो जाता है तो खेल तब तक जारी रहेगा जब तक किसी एक खिलाड़ी को दो पॉइंट की बढ़त नहीं मिल जाती.खेल 29 पॉइंट तक खेला जाता है उसके बाद गोल्डन पॉइंट होता होता है जिसको हासिल करने वाला खिलाड़ी विजेता घोषित होता है.
- अगर रिसीवर तैयार नहीं है और सर्वर सर्विस देता है तो लेट कॉल होती है और मैच स्थगित कर बिना किसी के खाते में पॉइंट जोड़े दौबारा शुरू किया जाता है.
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निष्कर्ष
बैडमिंटन का खेल तेजी से लोकप्रिय हुआ है, मनोरंजन के साथ साथ यह खेल कई लोगों का प्रोफेशन बन चुका है.भारतीय बैडमिंटन के सितारे पी वी सिंधु, साइना नेहवाल,पुलेला गोपीचंद,प्रकाश पादुकोण जैसे कई शानदार खिलाड़ियो ने भारत में इस खेल के प्रति लोकप्रियता को और बढ़ाया है.इस खेल को प्रोफेशनल तरीके से बढ़वा देने के लिए भारत में प्रीमियर बैडमिंटन लीग का आयोजन करवाया जाता है. About Badminton in hindi
the essay is nicely written!
धन्यवाद!
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