
प्रकृति को शांति और विनम्रता का प्रतीक माना जाता है लेकिन कभी-कभी प्रकृति (आपदा प्रबंधन) का भयंकर और त्रासदी भरा रूप भी देखने को मिलता है जो इस पृथ्वी पर मौजूद हर वस्तु को भारी नुकसान पहुंचाता है. आपदा हर देश के लिए चर्चा का विषय है आपदा को रोका तो नहीं जा सकता लेकिन इससे बचने के लिए उपाय किये जा सकते है. किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा पर मानव का जोर नहीं चलता इसलिए इन आपदाओं को रोकना बहुत ही कठिन होता है.
भारत देश की सीमा का बहुत सारा हिस्सा समुद्री जल से घिरा हुआ है यहाँ सुनामी, चक्रवात, तूफान, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएँ ज्यादा देखने को मिलती है. ऐसी आपदाओं का सामना करने के लिए समय पर चेतावनी, जान और माल की हानि को बचाने के लिए प्रबंधन, प्रभावित लोगों तक मदद पहुँचाने के लिए उचित कदम उठाने की योजना बनाना जरूरी होता है.
इस लेख में आपदा प्रबंधन पर निबंध लिखा गया है जो सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों की परीक्षा के दृष्टिकोण से उपयोगी है.
आपदा प्रबंधन पर निबंध (Disaster Management in Hindi)

आपदा एक प्रकार की बड़ी समस्या या संकट है जिसे रोक पाना बहुत ही मुश्किल है. आपदा कुछ समय के लिए ही होती है लेकिन इतने से समय में ही ये जीवन और संपत्ति का बड़े पैमाने पर नुकसान कर देती है. आपदा प्राकृतिक या मानव निर्मित हो सकती है भूकम्प, तूफ़ान, चक्रवात, सुनामी, बाढ़, सूखा, बिजली गिरना और जंगलों में आग लगना प्राकृतिक आपदा के उदाहरण है. आतंकवाद, दंगे और कोरोना महामारी कुछ मानव जनित आपदा के उदाहरण है.
इन प्राकृतिक और मानव जनित आपदाओं से जीवन और संपत्ति की रक्षा करने के लिए उचित उपाय बनाना ही आपदा प्रबंधन है. आपदा प्रबंधन हमें इन आपदाओं से होने वाले भारी नुकसान को कम करना सिखाता है. भारत सरकार ने आपदा प्रबंधन सिखाने के लिए कई इंस्टीट्यूट खोले जहाँ आपदा से निपटने के लिए योजना बनाना सिखाया जाता है.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को भारत सरकार के द्वारा 30 मई 2005 को स्थापित किया गया था जो सरकार के लिए प्राकृतिक और मानव जनित आपदाओं के प्रबंधन के लिए विभिन्न योजनाएँ तैयार करता है और उन योजनाओं पर कार्रवाई करता है.
आपदा प्रबंधन के प्रकार
आपदा प्रबंधन तीन प्रकार के होते है जो आपदा आने से पहले, आपदा के दौरान और आपदा के बाद के समय के अनुसार परिभाषित किए गए है. आपदा प्रबंधन के इन प्रकारों को आगे विस्तार से समझाने का प्रयास किया गया है –
- पूर्व आपदा प्रबंधन– पूर्व आपदा प्रबंधन का अर्थ होता है आपदा के आने से पहले उससे रक्षा और बचाव करने के लिए उपाय बनाना ताकि आपदा से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके. पूर्व आपदा प्रबंधन में सूचना प्रौद्योगिकी विकसित करना, आपदा का मूल्यांकन करना और आपदा के बारे में विभिन्न संचार साधनों की मदद से लोगों को चेतावनी दी जाती है.
- आपदा के दौरान प्रबंधन– आपदा से प्रभावित लोगों को बचाना और सुरक्षित एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचना आवश्यक होता है. इस दौरान लोगों को भोजन, पानी, कपड़े, स्वास्थ्य व्यवस्था और रहने की व्यवस्था की जाती है. आपदा के दौरान लोगों का आपदा प्रबंधन की टीम के साथ सहयोग और तालमेल होना बहुत जरूरी होता है.
- आपदा के बाद प्रबंधन– आपदा से हुई जीवन और संपत्ति की हानि का जायजा लेना और उस प्रभावित इलाके का पुनर्निर्माण और विकास करना जरूरी है. आपदा से प्रभावित हुए लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करना ताकि वो वापस अपने पैरों पर खड़े हो सके.
आपदा प्रबंधन का महत्व
आपदा प्रबंधन बहुत ही जरूरी है इस धरती पर हर छोटे से बड़े जीवन का महत्व है. अगर आपदा प्रबंधन के इस विषय पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो जान और माल का बहुत भारी नुकसान होता है. आपदा प्रबंधन से बहुत से परिवारों को नया जीवन दिया जा सकता है.
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2020 में तेजी से फैलने वाली कोरोना महामारी की चर्चा करें तो यह एक मानव निर्मित महामारी है जो चीन से उत्पन्न हुई. इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए दुनिया के ज्यादातर देशों में लॉकडाउन लगाया गया वो आपदा प्रबंधन का ही उदाहरण है. अगर समय पर लॉक डाउन नहीं लगाया जाता तो हमे बहुत बड़े नुक्सान का सामना करना पड़ता.
भारत में कई ऐसे इलाके है जो जलीय स्रोतों से घिरे हुए है उन क्षेत्रों में अक्सर बाढ़ या प्राकृतिक आपदाएं आती रहती है. इन आपदाओं से लोगों को बचाने का कार्य आपदा प्रबंधन की टीम ही करती है तथा समय पर लोगों को चेतावनी भी दी जाती है.
किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने या बचाव के लिए टेक्नोलॉजी की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है. टेक्नोलॉजी की मदद से ही भूकंप और तूफ़ान जैसी कई आपदाओं के आने से पहले ही पता लगाया जाता है और उनसे होने वाले नुक्सान को कम करने के लिए टेक्नोलॉजी की मदद से ही कार्रवाई की जाती है.
आज हमारे देश के ज्यादातर लोग टेक्नोलॉजी से जुड़े हुए है और गाँवों में भी टेक्नोलॉजी तेजी से अपने पैर पसार रही है. अगर हर व्यक्ति टेक्नोलॉजी से जुड़ा होगा तो आपदा से उस व्यक्ति और उसके परिवार को आसानी से सुरक्षित रखा जा सकता है.
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निष्कर्ष
आपदा पर किसी का नियंत्रण नहीं होता इसलिए इसे रोका नहीं जा सकता. अगर हमें आपदा पर नियंत्रण करना है तो हमें बहुत सुसज्जित तकनीक की आवश्यकता होती है. सबसे बेहतर यही है कि आने वाली आपदाओं को कम करने के लिए हमें ऐसी गतिविधियों से बचना है जो पर्यावरण को नुकसान पहुँचाती है. मनुष्य का अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रकृति को नुकसान पहुँचाना ही बहुत सी आपदाओं का कारण है.
आपदा के दौरान हम सभी को इंसानियत को समझते हुए आपदा से पीड़ित लोगों की ज्यादा से ज्यादा मदद करने का प्रयास करना है. हमें अपने आस पास के लोगों को आपदा प्रबंधन के बारे में जानकारी देने का प्रयास करना है ताकि समय आने पर वह व्यक्ति आपदा प्रबंधन के उपायों का उपयोग कर सकें.
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