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वसंत पंचमी

भारत एक त्योहारों का देश है यहाँ पर हर साल विभिन प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है. हर त्यौहार के पीछे कोई न कोई इतिहासिक कहानी भी जरुर होती है. 

आज हम आपके लिए वसंत पंचमी पर निबंध लेकर आये है. क्योकि जब भी बसंत पंचमी का पर्व आता है तो स्कूल और कॉलेज में बच्चो को वसंत पंचमी पर निबंध या फिर वसंत ऋतू पंचमी पर निबंध लिखने के लिए कहाँ जाता है. 

फिर बच्चे वसंत पंचमी के बारे में जानने के लिए इन्टरनेट पर सर्च करते है. इसीलिए हम स्कूल और कॉलेज के बच्चो के लिए वसंत पंचमी पर हिंदी में लेख लिखे रहे है.

चलिये शरु करते है.

वसंत पंचमी पर निबंध इन हिंदी

basant panchami essay in hindi

हिन्दी पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि जनमानस में वसंत पंचमी के नाम से जाना जाता है. 

इस दिन राजा सामंतों के साथ हाथी पर बैठकर नगर का भ्रमण करते हुए देवालय पहुँचते थे। वहाँ धिपूर्वक कामदेव की पूजा की जाती थी और देवताओं पर अन्न की बलिया चढ़ाई जाती थीं. चारो तरफ ख़ुशियाँ ही ख़ुशियाँ होती है. 

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन ज्ञान की देवी माता सरस्वती का जन्म हुआ था. जोकि ब्रह्माजी के मुख से माता सरस्वती जी प्रकट हुई थी.

कहाँ जाता है जब ब्रह्माजी ने मनुष्य और पशु पक्षियों को बनाया तो वो बोल नहीं सकते थे. चारो तरफ सनाटा छाया रहता था. इसी लिए माता सरस्वती जी ब्रह्माजी के मुख से प्रकट हुई थी. और धरती पर मनुष्य, पशु, पक्षियों आदि ने बोलना आरंभ किया था.

साथ में माँ सरस्वती को ज्ञान, बुद्धि, विवेक की देवी माना जाता है. बहुत सी जगह पर किसी नए काम को बसंत पंचमी के दिन शरू करना काफी सुभ माना जाता है.

इस दिन स्कूल और कॉलेज व् अन्य स्थानों पर माँ सरस्वती जी की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है, माता पर पीले फूल, पिली मिठाई, व् बड़े और बच्चे पीले ही वस्त्र पहनते है और एक दुसरे के गले बड़े ही प्यार से लगते है.

वसंत पंचमी के दिन से वसंत ऋतू का आगमन भी हो जाता है. खेतो में चारो तरफ हरियाली देखने को मिलती है. साथ में गेहूं, चना आदि की फसल भी पक जाती है.

शाम को मेला भी भर जाता है जिसका बच्चे व् बड़े भरपूर आनंद उठाते है. वसंत पंचमी के आगमन से चारो ओर खुशियों की लहर दौरने लगती है.

सरस्वती पूजा | वसंत पंचमी पर निबंध 200 शब्द में

सरस्वती पूजा पर निबंध 200 शब्द में

वसंत पंचमी के दिन ही माता सरस्वती का जन्म हुआ था. माता सरस्वती को विभिन नामो से जाना जाता है जैसे की भारती, गिरा, महाश्वेता, शारदा और विंध्यवासिनी आदि. 

जैसे की हम जानते है माता सरस्वती को ज्ञान और विद्या की देवी कहाँ जाता है इसीलिए इस दिन सरस्वती की पूजा विद्या स्थलों पर की जाती है.

माता की प्रतिमा की पूजा अर्चना की जाती है व् स्कूल के बच्चे व् शिक्षको के द्वारा माता की आराधना व् आरती गाई जाती है.

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और माता पर पीले फूल, पिली मिठाई चढाई जाती है. और इस दिन सभी नहा धो कर पीले कपडे पहनते है.

कहाँ जाता है जो भी माता की पूजा अर्चना पुरे मन से करता है उसको माता सरस्वती अपना आशीर्वाद देती है जिससे वो जीवन में उचाईओ को छूता है.

वसंत पंचमी के दो से तिन दिन के बाद माता की प्रतिमा को विसर्जन कर दिया जाता है जिस कार्यक्रम में बड़े व् बच्चे बड चढ़ कर भाग लेते है.

हम सभी को माता सरस्वती जी की पूजा अर्चना करनी चाइये.

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निष्कर्ष

हमे उम्मीद है आपको आज का वसंत पंचमी पर निबंध पसंद आया है. अगर आपको पसंद आये तो दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे. अगर आप और भी हिंदी निबंध और हिंदी भाषण पढना चाहते है तो हमने और भी बहुत से हिंदी भाषा में लिख रखे है उन्हें भी जरुर पढ़े. इस लेख में इतना ही धन्यवाद!

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By admin

A professional blogger, Since 2016, I have worked on 100+ different blogs. Now, I am a CEO at Speech Hindi...

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