प्रधानमंत्री के क्रांतिकारी अभियान से एक ‘स्वच्छ भारत अभियान’ आप में कहीं भी है। भारत सरकार की यह शुरूआत प्रशंसनीय है। आजकल इस मुद्दे पर आए दिन चर्चा होती है। स्कूल-कॉलेजों में भी विभिन्न प्रतियोगिताओं और परीक्षाओं में यह विषय दिया जाने लगा है। चूंकि यह प्रधानमंत्री की विकास योजनाओं में से एक है। इसलिए यह प्रतिबद्धता की जाती है कि प्रतिबद्धताओं के स्तर पर इसकी जानकारी रहे।
प्रस्तावना
प्रधानमंत्री के क्रांतिकारी अभियान से एक ‘स्वच्छ भारत अभियान‘ आप में कहीं भी है। भारत सरकार की यह शुरूआत प्रशंसनीय है। आजकल इस मुद्दे पर आए दिन चर्चा होती है। स्कूल-कॉलेजों में भी विभिन्न प्रतियोगिताओं और परीक्षाओं में यह विषय दिया जाने लगा है। चूंकि यह प्रधानमंत्री की विकास योजनाओं में से एक है। इसलिए यह प्रतिबद्धता की जाती है कि प्रतिबद्धताओं के स्तर पर इसकी जानकारी रहे।
स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार की कोशिश है। देखें तो, अपने आस-पास स्पष्ट-सफाई हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। यदि सभी को अपने खाते का आभास होता है, तो इस अभियान की आवश्यकता नहीं है।
कितनी शर्मिंदगी की बात है कि हर कोई अपना घर जरूर साफ करता है, लेकिन अपनी पूरी गंदगी, कूड़ा-कचरा बाहर, गलियां, सड़को और चौराहों पर फेंक देता है। ये नहीं लगता कि पूरा देश ही हमारा घर है। इसे भी स्पष्ट रखें हमारा ही काम है। कोई पड़ोसी या बाहर का साफ नहीं आएगा, यह हमें ही साफ करना है।
स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत
अपने प्रधान मंत्री बनने के बाद श्री नरेंद्र मोदी जी ने गांधी जयंती पर 02 अक्टूबर 2014 को इस अभियान का आगाज किया था। भारत को स्वच्छ करने का परिवर्तन कर फैलाया गया था। भारत को स्पष्ट-सुथरा दृश्य गांधी जी का सपना था। गांधी जी हमेशा लोगों को अपने आस-पास साफ-सफाई रखने को बोलते थे।
स्वच्छ भारत के माध्यम से विशेष रूप से ग्रामीण अंचल के अंदर लोगो के प्रति जागरूकता पैदा करना है कि वो शौचालय का उपयोग करें, खुले में न जाएं। इससे तमाम बीमारियां भी फैलती हैं। जोकि किसी के लिए अच्छा नहीं है।
इस मिशन में सहयोग देने के लिए बड़े-बड़े फोकस ने हिस्सा लिया। इस मिशन के प्रचार-प्रसार की जिम्मा ग्यारह लोगों को दिया गया, जो निम्न हैं:–
- सॅनिगर कप
- बाबा रामदेव
- सलमान खान
- अनिल आम
- यूनीक चोपड़ा
- शशि थुर
- मृदुला सिन्हा
- कमल हसन
- विराट कोहली
- महेंद्र सिंह धोनी
- ‘तारक मेहता का ऑनसाइड चश्मा’ सीरियल की पूरी टीम
यह अभियान क्या है?
इसकी साजिश तो गांधीजी ने आजादी के पूर्व गढ़ दी थी, दोषी होने के नाते इसे एक अप्रैल, 1999 से शुरू माना जाता है। जब भारत सरकार ने ग्रामीण स्वच्छता और पूर्ण स्वच्छता के लिए आयोग बनाए थे। इसके बाद 2012 में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अपनी सहमति दी और इस योजना का नाम ‘निर्मल भारत अभियान’ रखा।
सरकारी आँकड़ों की बात करें तो अब तक लगभग 10,19,64,757 घरों में शौचालयों का निर्माण हो चुका है। 6,03,055 ओपन डिफेकेशन फ्री गांव हो चुके हैं। 706 जिले की श्रेणी में आ चुके हैं। 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश आपस में जुड़े हुए हैं, इस यादगार को सफल बना रहे हैं। ‘गांधीजी का चश्मा’ इस अभियान का लोगो (प्रतीक चिह्न) है। इसे भारत सरकार मंत्रालय के ‘जल शक्ति मंत्रालय’ के अधीन ‘पेजल एवं स्वच्छता विभाग’ को सक्रिय किया गया है।
प्रधानमंत्री जी ने पूरे देश से अपील की, कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस विजिट से जुड़कर इसे सफल बनाए। पूरे देश ने अपनी बात चुनी और यह अभियान राष्ट्रव्यापि आंदोलन बन कर उभरा। बड़े-बड़े सेलिब्रिटिज्म ने प्रधानमंत्री के आग्रह पर इस मिशन में अपना हाथ बंटाया। सफाई आंदोलन के तहत पीएम के साथ टहलने पर सभी लोग उतरे। झाड़ू लेकर पीएम ने स्वयं वाराणसी के गंगा तट के अस्सी घाट पर सफाई की।
क्यों शुरू हुआ स्वच्छ भारत अभियान
2 अक्टूबर 2014, इससे जुड़े इस अभियान का लक्ष्य गांधी जी के 150वी जयंती, 2019 तक भारत को ‘स्वच्छ भारत’ करना था। इससे अच्छा गांधी जी को क्या श्रध्दांजलि होगा, आपके सपनों का भारत देखने की। विचारकों की बात, इसकी अंतिम आवश्यकता क्यों है। मैंने कई बार देखा है कि, लोगो के घरों में शौचालय होने के बाद भी वो बाहर ही चला जाता है। क्योंकि उनकी ऐसी प्रवृत्ति बनी है। यही सोच को बदलने के लिए इस आंदोलन की शुरुआत हुई। ग्रामीण लोगों की सोच को कम कठिन कार्य होता है।
खुले में शौच की प्रवृति से भारत को मुक्ति पाना ही इसका प्रथम ध्येय है। इसके तहत सरकार ने गांव-गांव में शौचालयों का निर्माण किया है। ही लोगों से अपील भी की, कि वो इन शौचालयों का प्रयोग करें। बाहर जाने की आदत को त्यागें। इतना ही नहीं, लोगो में जागरुकता फैलाने के लिए जगह-जगह कैम्प लग जाते हैं, नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से उन्हें इसका लाभ से परिचित कराया जाता है। ग्राम पंचायतों की मदद से सभी घरों में उचित अपशिष्ट प्रबंधन का गण भी सिखाता है। और हर घर में पानी की पाइप लाइन भी बिछाई जाती है। सवा सौ करोड़ की आबादी वाला भारत, इसमें से भी पहले से ज्यादा आबादी आज भी गांवों में ही निवास करती है।
अगर आँकड़ों की ओर नज़र कुजयें, तो 2011 की जनगणना के अनुसार, 16.78 करोड़ घरों में लगभग-लगभग 72.2% जनसंख्या गांवों में रहती है। और आपको जानकर हैरानी होगी कि केवल 5.48 करोड़ घरों में ही शौचालय का प्रयोग किया जा रहा है। यह है कि 67% घरेलू लोग, अब भी इसकी सुविधा का लाभ नहीं होगा। 2012-13 में प्रिया एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार 40% ग्रामीण घरों में शौचालय है। 60% अब भी बाकी है। सरकारी खर्चे की अगर बात करें तो, 5 साल के लिए एक्सपोजर राशि 62,009 करोड़ रुपये की है और इसमें लगभग 14,623 करोड़ रुपये की सहायता केंद्र सरकार की ओर से हुई है।
स्वच्छ भारत अभियान की ट्रेन
इस मिशन की कार्यवाही लगातार चलती रहती हैं। भारत के लोगों के लिए भौतिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक कल्याण के बारे में जानना अत्यंत आवश्यक है। ये सही तरीके से भारत की सामाजिक स्थिति को बढ़ावा देने के लिए है, जो हर तरह से स्वच्छता लाने से जुड़ा है। यहाँ नीचे कुछ बिंदु दिखा रहे हैं जो स्वच्छ भारत अभियान की आवश्यकता को दर्शाता है।
ये बेहद जरूरी है कि भारत के हर घर में शौचालय के छेद के साथ ही खुले में शौच की प्रवृति को भी खत्म करने की जरूरत है।
- नगर निगम के जन्म का पुनर्चक्रण और दुबारा उपयोग, सुरक्षित समापन, वैज्ञानिक तरीके से मल प्रबंधन को लागू करना।
- खुद के स्वास्थ्य के प्रति भारत के लोगों की सोच और स्वभाव में बदलाव लाना और साफ-सफाई की प्रज्ञाओं का पालन करना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में वैश्विक जागृतता आने के लिए और सामान्य लोगों को स्वास्थ्य से जोड़ने के लिए।
- इसमें काम करने वाले लोगों को स्थानीय स्तर पर जन्म के निष्पादन का नियंत्रण करना, खाका तैयार करने के लिए मदद करना।
- पूरे भारत में क्लियर-सफाई की सुविधा को विकसित करने के लिए निजी क्षेत्रों की शाखाओं में वृद्धि।
- भारत को स्वच्छ और स्वच्छता युक्त बनाना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना।
- स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से समुदायों और पंचायती राज योजनाओं को निरंतर साफ-सफाई के प्रति जागरूक करना।
स्वच्छ भारत – स्वच्छ विद्यालय अभियान
ये अभियान केन्द्रिय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा चलाया जाता है और इसका उद्देश्य स्कूलों में स्वच्छता लाना है। इस कार्यक्रम के तहत 25 सितंबर 2014 से 31 अक्टूबर 2014 तक केंद्रिय विद्यालय और नवोदय विद्यालय संगठन जहां कई सारी स्वच्छता क्रिया-कलाप आयोजित हुए जैसे छात्रों द्वारा स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा, इससे संबंधित महात्मा शिक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य विज्ञान के विषय पर चर्चा, स्वच्छता क्रिया-कलाप(कक्ष में, पुस्तकालय, कार्यक्षेत्र, बागीचा, किचन, शेड दुकान, झलक की जगह इत्यादि)। स्कूल क्षेत्र में सफाई, महान व्यक्तियों के योगदान पर भाषण, निबंध लेखन प्रतियोगिता, कला, फिल्म, चर्चा, चित्रकारी, तथा स्वाथ्य और स्वच्छता पर नाटक मंचन आदि। इसके अलावा एक सप्ताह में दो बार स्वच्छ-सफाई अभियान चलाया जाएगा जिसमें शिक्षक, छात्र और माता-पिता सभी हिस्सा लेंगे।
निष्कर्ष
हम कह सकते हैं कि इस साल के लक्षय में हम काफी हद तक सफल हो गए हैं। जैसा कि हम सभी ने कहावत में सुना है ‘स्वच्छता भगवान की ओर अगला कदम है’। हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि, अगर भारत की जनता प्रभावी मुद्रा से बनेगी तो आने वाले समय में, स्वच्छ भारत अभियान से पूरा देश भगवान का निवास स्थान सा बन जाएगा। एक करोड़ा होने का हमारा कर्तव्य है कि, न गंदगी न फैलाओ। देश को अपने घर की तरह चमकाएं ताकि आप भी गर्व से कह सकें कि आप भारतवासी हैं।
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