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Pratirodh Ka Matrak

Pratirodh Ka Matrak किसे कहते है: जब विद्युत धारा किसी चालक में प्रवाहित की जाती है तो धारा के प्रवाह से बाधा/रुकावट लाती है और उसे गुण प्रतिरोध बोलते है।

Pratirodh Ka Matrak का SI क्या है? 

प्रतिरोध का मात्रक SI ओम (Ω) होता है।

Pratirodh Ka Matrak का सूत्र क्या है? 

  • प्रतिरोध का सूत्र:- R = V/I 
  • प्रतिरोध = वोल्टेज / धारा

परिवर्तित प्रतिरोध किसे कहते हैं?

परिपथ की विद्युत धारा को कंट्रोल करने में मदद करने वाले को परिवर्तित प्रतिरोध कहते है।

Pratirodh Ka Matrak विमीय सूत्र क्या है?

प्रतिरोध का विमीय सूत्र है – [ML2T-3A-2]

विशिष्ट Pratirodh Ka Matrak किसे कहते है?

यदि समान ताप पर किसी चालक तार का प्रतिरोध हो तो उस तार की लम्बाई विशिष्ट प्रतिरोध का मात्रक कहलाती है।

विशिष्ट प्रतिरोध की विमा क्या है?

विशिष्ट प्रतिरोध की विमा है – [ML3T-3A-2]

विशिष्ट प्रतिरोध का SI मात्रक क्या है?

विशिष्ट प्रतिरोध की SI मात्रक प्रणाली (ओम × मीटर) है।

  • आर्टिकल नाम             – Pratirodh Ka Matrak
  • प्रतिरोध का SI मात्रक   – ओम (Ω)
  • प्रतिरोध का सूत्र           – R = V/I
  • प्रतिरोधकता की इकाई  – ओम मीटर (Ω-m)
  • प्रतिरोधकता का मात्रक – (ρ) = RA/L

प्रतिरोध की उत्पत्ति क्यों होती है?

प्रवाहित के इलेक्ट्रॉन चालक के छोटे छोटे इलेक्ट्रॉन से टकराने के कारण उन्हे अवरोध का सामना करना पड़ता है जिसके कारण प्रतिरोध की उत्पत्ति होती है।

प्रतिरोधों का संयोजन क्या है?

कभी कभी कुछ काम को ख़तम करने के लिए हमे एक से ज्यादा प्रतिरोध को जोड़ना पड़ता है। दो या दो से ज्यादा प्रतिरोधों को जोड़ने को ही हम प्रतिरोधो का संयोजन कहते हैं।

प्रतिरोधकता क्या है?

एक चालक वह गुण जो धारा के प्रवाह में रुकावट पैदा करता है पदार्थ का साइज और आकार से आज़ाद होता है लेकिन पदार्थ की प्रकृति और तापमान पर निर्भर करता है।

प्रतिरोधकता का मात्रक/इकाई क्या है?

प्रतिरोधकता का मात्रक (Ω-m) “ओम मीटर” होता है।

प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है?

  • प्रतिरोध अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है
  • प्रतिरोध चालक तार की लंबाई के सामान होता है अर्थात चालक की लंबाई को बढ़ाया जाए तो प्रतिरोध भी बढ़ जाएगा परंतु यही चालक तार को खींच कर लंबाई को बढ़ाया जाए तो प्रतिरोध 4 गुना हो जाएगा।
  • तांबे की प्रतिरोधकता चांदी से अधिक और एलुमिनियम से कम होती है | प्रतिरोध भी मटेरियल के नेचर पर डिपेंड करता है। 
  • यदि तार का मोटापा बढ़ाया जाए तो प्रतिरोध एक चौथाई (1/4) हो जाएगा लेकिन अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल को बढ़ाया जाए तो प्रतिरोध आधा हो जाएगा।

प्रतिरोधों का वर्गीकरण क्या है ?

  • निम्न प्रतिरोध:- निम्न प्रतिरोध एक ओम से कम का होता है।  जैसे- आर्मेचर
  • मध्यम प्रतिरोध:-  मध्यम प्रतिरोध एक ओम से 100,000 तक होता है।
  • उच्च प्रतिरोध:- उच्च प्रतिरोध 100,000 से अधिक होता है।

प्रतिरोधक के क्या क्या प्रकार है?

कार्बन प्रतिरोध के दो प्रकार होते है:- 

  1. कार्बन प्रतिरोध

2.वायर वाउंड प्रतिरोधक

  • कार्बन प्रतिरोध –
  • यह कार्बन तथा ग्रेफाइट के महीन चूर्ण को अचालक बंधक मिला कर बनाया जाता है।
  • इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक चीजों में किया जाता है जैसे की- मोबाइल, रेडियो, मोबाइल, आदि।
  • इसकी वोट की क्षमता 1/8 वाट से 2 वाट तक होती है।

कार्बन प्रतिरोध दो प्रकार के होते हैं :

नियत मान कार्बन प्रतिरोधक:  इनका सिरा टिन तांबे से निर्मित होती है।

                                यह एक ओम से 50 मेगा ओम की क्षमता के बनाए जाते है।

                                इस वोट की क्षमता 1/8 वाट से 2 वाट तक की होती है।

परिवर्तित मान कार्बन प्रतिरोध: इनकी वाट क्षमता 0.05 वाट से 0.25 वाट तक की  होती है।

                                यह 100 ओम से 0.5 वाट ओम तक बनाया जाता हैं।

 

  • वायर वाउंड प्रतिरोधक –

इसमें प्रतिरोधकता मैंगनीन या यूरेका की बनी होती है, तार का गलनांक अधिक होता है और इसमें कभी-कभी नाइक्रोम और टंगस्टन के तार का भी प्रयोग किया जाता हैइसमें गैर-प्रवाहकीय सामग्री जैसे सिरेमिक और चीनी मिट्टी के बरतन या बैकेलाइट आदि का उपयोग किया जाता है।

नियत मान वायर वाउंड प्रतिरोधक: ये प्रतिरोधक 0.1 वाट से 50,000 वाट क्षमता के बनाए जाते हैं।

                                        यह 50 वाट क्षमता तक का होता है तथा उद्योगों के लिए इससे अधिक    क्षमता के प्रतिरोधक भी बनाए जाते हैं।

परिवर्तित वायर वाउंड प्रतिरोधक:- इनका आकार चंद्राकार की तरह होता है |  

                                       इनका इस्तेमाल रेगुलेटर के रूप में किया जाता है |

    इनका प्रतिरोध 5 ओम से लेकर 5,000 ओम तक होता है। 

    इनकी क्षमता 50 वाट तक होती है |

निष्कर्ष

तो आज हमने जाना की Pratirodh Ka Matrak क्या होता है ?, Pratirodh Ka Matrak का SI क्या है?, परिवर्तित प्रतिरोध किसे कहते हैं?, विशिष्ट प्रतिरोध की विमा क्या है?, प्रतिरोध की उत्पत्ति क्यों होती है? और प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है? आशा  है आपको इस आर्टिकल में सारी जानकारी मिल गई होगी।

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By admin

A professional blogger, Since 2016, I have worked on 100+ different blogs. Now, I am a CEO at Speech Hindi...

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