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कबड्डी

कबड्डी दो टीमों के बीच खेले जाने वाले खेल क्रिकेट , हॉकी और फुटबॉल जैसा ही एक लोकप्रिय खेल है इस खेल में खेलने वाले खिलाड़ी की स्फूर्ति और एकाग्रता को परखा जाता है.

इस खेल की लोकप्रियता केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशो में भी तेज़ी से बढ़ रही है कबड्डी को खुले मैदान और ढके हुए मैदान दोनों में खेला जा सकता है.

क्रिकेट, हॉकी और फुटबॉल की तरह कबड्डी को भी प्रोफेशनल बनाने के लिए भारत में प्रो कबड्डी लीग का आयोजन किया जाता है ताकि यह खेल लोगो के बीच और भी लोकप्रिय हो.

इस लेख में कबड्डी पर निबंध लिखा गया है जिसमे आपको कबड्डी का इतिहास , कबड्डी के नियम , कबड्डी में खिलाड़ियों की संख्या , मैदान का मापन , कबड्डी में इस्तेमाल होने वाले लोकप्रिय शब्द , कबड्डी की लोकप्रियता इन सभी के बारे में गहराई से जानकारी मिलेगी.

History of Kabaddi (कबड्डी का इतिहास)

Kabaddi par Nibandh

इसका इतिहास लगभग 4000 सालो से भी पुराना है इसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी प्राचीन समय में इस खेल को न सिर्फ मनोरंजन के लिए खेला जाता था बल्कि रोज़मर्रा के कामो के लिए आतंरिक बल और शारीरिक शक्ति को बढ़ने के लिए भी खेला जाता था.

कबड्डी की उत्पत्ति को महाभारत काल से भी जोड़ा जाता है ऐसा कहा जाता है कि महाभारत में अभिमन्यु का चक्रव्यूह में फसने के बाद स्वयं की रक्षा करने के लिए इसका उपयोग किया था.

अर्जुन भी इस खेल में निपुण थे वो इसकी मदद से दुश्मनो के इलाके में जाकर सुरक्षित वापस लौट आते थे.

धीरे धीरे गाँवों और छोटे शहरों में रहने वाले लोगो में यह खेल लोकप्रिय होता गया साल 1918 में कबड्डी को राष्ट्रिय खेल का दर्जा दिया गया . इस खेल से सम्बंधित सभी नियमो और कानूनों को भी तैयार किया गया और बहुत सुधार भी किये गए . लम्बे समय बाद 1938 भारतीय ओलम्पिक में इसे शामिल किया गया.

इसकी लोकप्रियता को बढ़ावा देने के लिए 1950 में आल इंडिया कबड्डी फेडरेशन की स्थापना की गयी और 1954 में कबड्डी की प्रथम राष्ट्रिय प्रतियोगिता दिल्ली में आयोजित की गयी.

1990 में इस खेल को चीन में आयोजित हुए एशियाई खेल प्रतियोगिता में शामिल किया गया भारतीय कबड्डी टीम लगातार इस खेल में अपना जलवा दिखाती रही और कई मेडल अपने नाम किये.

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कबड्डी के नियम

जैसे प्रत्येक खेल के कुछ नियम होते है और उनका पालन करना जरुरी होता है वैसे ही कबड्डी के लिए भी खेल के कुछ नियम बनाये गए है जिनका पालन करना आवश्यक होता है समय – समय पर इन नियमो में संशोधन भी किये जाते है.

  1. इस खेल में दो टीमें आपस में प्रतिस्पर्श करती है प्रत्येक टीम में 7 खिलाड़ी खेलते है और 5 अतिरिक्त खिलाड़ी टीम में शामिल होते है जिनको किसी खिलाड़ी के प्रतिस्थापन पर शामिल किया जा सकता है.
  2. सामान्यतः इस खेल में पुरुष टीम के लिए 40 मिनट तक का समय दिया जाता है और खेल के बीच में 5 मिनट का ब्रेक भी मिलता है जबकि महिलाओ को 30 मिनट तक का समय मिलता है और खेल के बीच में 5 मिनट का ब्रेक मिलता है.
  3. खेल की शुरआत में किसी एक टीम का खिलाडी रेड देने के लिए दूसरी टीम के पाले में जाता है और लगातार कबड्डी शब्द का उच्चारण करना होता है.
  4. रेड करने वाले खिलाड़ी को दूसरे पाले में जाकर टच लाइन को पार करना अथवा छूना होता है. अगर रेडर टच लाइन को बिना छुए वापस आ जाता है तो उसे अंपायर के द्वारा आउट करार दिया जाता है.
  5. अगर रेड करने वाला खिलाड़ी डिफेंड करने वाले एक या एक से अधिक खिलाड़ियों को छू कर सुरक्षित वापस अपने पाले में आ जाता है तो जितने खिलाड़ियों को उसने छुआ उतने ही अंक उस टीम के खाते में जोड़े जाते है और डिफेंडर को आउट घोषित किया जाता है.
  6. डिफेंड करने वाले खिलाडी अगर रेडर को पकड़ लेते है तो रेडर आउट घोषित किया जाता है और एक अंक डिफेंड करने वाली टीम के खाते में जोड़ दिया जाता है.
  7. दोनों टीमों के खिलाड़ी एक के बाद एक रेड देने आते और समय समाप्त होने के बाद जिस टीम के खाते में ज्यादा अंक होते है उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है .

कबड्डी के मैदान का मापन

कबड्डी का खेल पहले मिटटी के कोर्ट में खेला जाता था . बाद में इसे समतल मेट पर भी खेला जाने लगा. लेकिन मैदान का माप वही रहता है कबड्डी के कोर्ट की लम्बाई और चौड़ाई , पुरुषो और महिलाओ की टीम के लिए अलग अलग होती है.

पुरुषो के लिए मैदान की लम्बाई लगभग 13 मीटर और चौड़ाई लगभग 10 मीटर होती है वही महिलाओ के लिए मैदान की लम्बाई 12 मीटर होती है और चौड़ाई 8 मीटर होती है.

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खेल के मैदान के ठीक बीच में चौड़ाई के साथ एक रेखा खींच कर मैदान को दो भागो में विभाजित किया जाता है और लम्बाई के साथ दोनों तरफ एक – एक मीटर अंदर एक रेखा खींची जाती है उस स्थान को लॉबी कहा जाता है मध्य रेखा से तीन मीटर दुरी पर दोनों तरफ एक रेखा खींची जाती है जिसे टच पॉइंट कहते है . टच पॉइंट से एक मीटर दुरी पर बोनस रेखा होती है.

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उपसंहार

इस खेल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें महंगे उपकरण और बड़े मैदान की जरुरत नहीं होती है. यही कारण है कि कबड्डी विकासशील देशो में अधिक लोकप्रिय है. अगर आप क्रिकेट , हॉकी , फुटबॉल, टेनिस इत्यादि खेलो के उपकरण नहीं खरीद सकते या आपके आस पास बड़े मैदान नहीं है. तो आप कबड्डी का खेल खेलकर अपना मनोरंजन कर सकते है. और साथ अपनी शारारिक और मानसिक शक्ति को भी बड़ा सकते है.

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By admin

A professional blogger, Since 2016, I have worked on 100+ different blogs. Now, I am a CEO at Speech Hindi...

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