अगर आप स्कूल में पढ़ते होंगे तो आपने कभी न कभी अपरिमेय संख्या का नाम सुना ही होगा और आपको यह समझ नहीं आ पता तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि अपरिमेय संख्या किसे कहते हैं उसके गुण,उदाहरण और गुणधर्म जानेगे।
अपरिमेय संख्या क्या है (What is irrational Number)
अपरिमेय संख्या वह संख्या होती है जिन्हे अनुपात के रूप में प्रदर्शित नहीं किया जा सकता है। अगर सरल भाषा में कहा जाए तो, जो संख्याएँ रिमेय संख्याएँ नहीं हैं, अपरिमेय संख्याएँ कहलाती हैं। ऐसी संख्या जिन्हें p/q के रूप में नहीं लिखा जा सकता उन्हें अपरिमेय संख्या कहते है और जहा p और q दोनों पूर्णांक है जिसमे q की कभी वैल्यू कभी शून्य नहीं होती है। अगर इतिहास की माने पाइथागोरस के दार्शनिक हिप्पासस ने 5 वीं शताब्दी ईसा पूर्व में अपरिमेय संख्याओं की खोज की थी।
अपरिमेय संख्या के गुण(Qualities of Irrational Number)
अपरिमेय संख्याएँ सभी वास्तविक संख्याओं की विशेषताओं का पालन करती हैं क्योंकि वे उन संख्याओं का एक सबसेट हैं। ये अपरिमेय संख्याओं की विशेषताएँ हैं: –
- यह केवल वास्तविक संख्याएँ हैं।
- किसी भी अभाज्य पूर्णांक वर्गमूल को अपरिमेय संख्या कहा जाता है।
- सभी वर्गमूल संख्या जो पूर्ण वर्ग नहीं है उसे अपरिमेय संख्याएँ कहते हैं। {√2, √3, √5, √8}
- दो परिमेय संख्याओं का जोड़ को परिमेय संख्या कहते है; उदाहरण के लिए, √2 × 2 = 2. यहाँ जैसे आप देख सकते है की, √2 एक अपरिमेय संख्या कहलाती है। अगर इसे दो बार गुणा किया जाता है, तो प्राप्त अंतिम गुणनफल एक परिमेय संख्या होती है। (यानी) 2.
- कोई भी दो अपरिमेय संख्याएँ ‘लघुतम समापवर्तक (LCM) मौजूद हो भी सकती हैं और नहीं भी।
अपरिमेय संख्या के उदाहरण (Irrational Number Examples)
√2, √3, √5, √11, √15, √21, √27, √35, √51, π(Pi), यूलर संख्या (e), गोल्डन अनुपात (Φ) यदि दो अपरिमेय संख्या को आपस में जोड़ा जाए तो उससे प्राप्त संख्या एक अपरिमेय संख्या होगा। जैसे
√2 + √3 = √6
2√2 + 4√2 = 6√2
यदि एक परिमेय संख्या को एक अपरिमेय संख्या के साथ गुणा किया जाए तो प्राप्त गुणनफल एक अपरिमेय संख्या प्राप्त होगा। जैसे
2 x 2√2 = 4√2
5 x 6√2 = 30√2
यदि दो सामान अपरिमेय संख्या को आपस में गुणा किया जाए तो प्राप्त गुणनफल एक परिमेय संख्या प्राप्त होगा। जैसे
√2 x √2 = 2
√5 x √5 = 5
ऊपर दिए गए उदाहरण से यह बताया गया है कि कोई संख्या जो परिमेय न हो वह अपरिमेय संख्या कहलाती है। और इसके साथ आपको अपरिमेय संख्याओं के गुणधर्म भी पता चल गया हौगा, और हम आपको यह भी बताना चाहते है कि π (पाई) दुनिया में सबसे प्रसिद्ध परिमेय संख्या है इसके साथ ही यूलर संख्या (e) और गोल्डन अनुपात (Φ) भी अपरिमेय संख्या के उदाहरण है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि अपरिमेय संख्या किसे कहते हैं , उसके अर्थ और गुण उदाहरण के साथ।
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